लोकप्रिय पोस्ट

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

भाभी का प्यार


मेरा नाम आना है. आज में आप को मेरी कहानी सुनाने जा रही हूँ की कैसे मुझे मेरा जीवन साथी मीला और कैसे उस ने मुझे पहली बार चोदा. ये घटना घटीं तब में २३ साल की थी. शादी नहीं हुई थी लेकिन कंवारी भी नहीं थी. जब में 18 साल की थी तब मेरे एक cousin ने मुझे पहली बार चोदा था. हम दोनो चुदाई से अनजान थे. दोनो में से एक को पता नहीं था की लंड कहॉ जता है और कैसे चोदा जता है. मेरी कोरी चूत में यूं ही उस ने लंड घुसेड दीया था और तीन चार धक्के में झड गया था. मुझे बहुत दर्द हुआ था जो तीन चार दीन तक रह था. उस के बाद दो ओर लड़कों ने मुझे चोदा था लेकीन मुझे कोई खास मजा आया नहीं था. हुआ क्या की मुझे बरोड़ा में MBA में admission मीला. रहने के लीये ladies होस्टल में तुरंत जगह ना मिल. मुझे चार महीना मेरी cousin दीदी नीलम के गहर रहना पड़ा. में खूब खूब आभारी हूँ दीदी की जीस ने मुझे आश्रय दीया और जीस की वजह से में मेरे पती को प सकी, जीस की वजह से orgasm का सवाद ले सकी. मेरे बारे में बता दूँ. पांच फ़ीट छे इंच लम्बाई के साथ मेरा वजन है कुछ १४० पौंड, यानी की में पतली लड़कियों में से नहीं हूँ, जरा सी भरी हूँ. मेरा रंग गोरा है, बाल और आँखें काले हैं. चाहेरा गोल है. मुँह का ऊपर वाला होठ जरा सा आगे है और नीचे वाला मोटा भारव्दर है. मेरी सहेलियाँ कहती है की मेरा मुँह बहुत किस्सब्ले दीखता है. मेरा सब ससे ज्यादा आकर्षक feature है मेरे स्तन. जो मुझे देखता है उस की नजर पहले मेरे स्तनों पर जम जाती है. ४३ साइज़ के स्तन पुरे गोल है और जरा भी ज़ुके हुए नहीं है. मेरी areola और निप्प्लेस छोटी हैं और बहुत sensitive हैं. कभी कभी मेरी निप्प्लेस ब्रा का स्पर्श भी सहन नहीं कर सकती है. मेरा पेट भरा हुआ है लेकीन नितम्ब भरी और चौड़े हैं. मेरे हाथ पाँव चिकने और नाजुक हैं. अब क्या रह ? मेरी bhos ? इस के बारे में में नहीं बतौंगी, मेरे वो कहेंगे. खैर, में नीलम दीदी के साथ रहने चली आयी.आप नीलम दीदी को जानते होंगे. नीलम की जग्रुती के नाम उस मे अपनी कहानियाँ इस में प्रगत की है. उस के पती, मेरे जीजु Dr. वीन्य बरोदा में practice करते थे. वो दीदी के फूफी के लडके भी लगते थे. दीदी और जीजु सेक्स के बारे में बिल्कुल खुले विचार के थे. दीदी ने खुद मुझे कहा था की कैसे वीन्य के एक दोस्त Jigar को लंड खड़ा होने की कुछ बिमारी थी और इलाज के जरिये कैसे दीदी ने जिगर से चुदावाया था. अपने पती के सीवा ग़ैर मर्द का वो पहला लंड था जो दीदी ने लीया था. इस के बाद दीदी ने अपने बॉस पर तरस खा कर उस से भी चुदावाया था. दीदी और जीजू का एक closed ग्रुप था. जो अक्सर ग्रुप चुदाई करता था. नए मेंबर की पूरी छान पहचान के बाद ही ग्रुप में शामील कीया जता था. शुरू शुरू में शरम की, दीदी और जीजू से दूर रही, ज्यादा बात भी नहीं कराती थी. जीजू हर रोज मेरे स्तन की साइज़ के अंदाज़ लगते थे, लेकीन कभी उसने छेद छाड़ नहीं की थी. दीदी धीरे धीरे मेरे साथ बातें बढ़ाने लगी और कभी-कभी dirty जोकेस भी करने लगी. ऐसे ही एक मौक़े पर उसने मुझे बताया था की चुदाई के बारे में उन की क्या philosophy है. एक दीन कालेज जलदी छूट गयी और में जलदी घर आ पहुंची. दोपहर को घर पर कोई होगा ये मैंने सोचा ना था. मेरे पास चाबी थी, दरवाजा खोल में अन्दर गयी. Siting रूम के दरवाजे में ही मेरे पाँव थम गए, जो सीन मेरे सामने था उसे देख कर में हील ना सकी. सोफा पर जीजू लेते थे. उन के पाँव जमीं पर थे. पतलून नीचे सरका हुआ था. दीदी उन पर सवार हो गयी थी. जीजू का लंड दीदी की चूत में फसा हुआ था. दीदी कुल्हे गीरा कर लंड चूत में अन्दर बहार कराती थी. जब दीदी के कुल्हे ऊपर उठाते थे तब जीजू का मोटा सा आठ इंच लम्बा सा लंड साफ दिखाई देता था. जब कुल्हे नीचे गिरती थी तब पुरा लंड चूत में घुस जता था. दीदी के स्तन जीजू के मुँह पास थे और मेरे ख़याल से जीजू उसकी निप्प्लेस भी चूस रहे थे. मैंने ऐसा खेल कभी देखा नहीं था. मेरा दील धक् धक् कराने लगा, बदन पर पसीना छा गया और चूत ने पानी बभा दीया. इतने में जीजू ने मुझे देख लीया. चुदाई की रफ्तार चालू रखते हुए वो बोले: अरे, आ ना, कब आयी ? आजा आजा, शरमाना मत. में तुरंत होश में आयी और भाग कर मेरे कमरे में चली गयी. दुसरे दीन जीजू practice पर गए तब मैंने दीदी से कहा: दीदी मुझे माफ़ कर देना, में अनजाने में आ पहुंची थी. मुझे पता नहीं था की जीजू उस वक्त घर पर होंगे और तुम.तुम.. दीदी ने मुझे आश्वासन दीया की कुछ बुरा हुआ नहीं था. वो बोली: देख, आना, सेक्स के बारे में हम बिल्कुल खुले वीचार के हैं. चोद ने चुदावाने से हम संकोच नहीं रखते हैं. हम दोनो बीच समजौता भी हुआ है की तेरे जीजू कीसी भी लडकी को चोद सकते हैं और में कीसी भी मन पसंद मर्द से चुदावा सकती हूँ. लेकीन एयर ग़ैर के साथ हम चुदाई नहीं करते. हमारा एक छोटा सा ग्रुप है जीन के मेम्बेर्स आपस में ग्रुप सेक्स करते हैं. मुझे ये सुन कर बहुत आश्चर्य हुआ. मैंने पूछा: तो तुम ने जीजू के आलावा ओर कीसी से ? दीदी: हाँ, चुदावाया है, और तेरे जीजू ने दुसरी दो लड़कियों को चोदा भी है. मैं: आप के ग्रुप में कोई भी शामील हो सकता है ? दीदी: नहीं, आने वाला मर्द या लडकी सब को मंजूर होना चाहिऐ. ज्यादातर हम जाने पहचाने व्यकती को ही बुला लेतें हैं. मैं: मैं पूछ सकती हूँ की कौन- कौन है आपके ग्रुप मे ? दीदी: अभी नहीं.वक्त आने पर बतौंगी. मैं: कीस ने ये ग्रुप शुरू कीया और कैसे ? दीदी: वीन्य के एक दोस्त को लंड खडे होने की बीमारी थी. इलाज के जरिए मैंने उसे चुदावाया. वीन्य वहां मोजूद थे. दोस्त के बाद तुरंत वीन्य ने मुझे चोदा. उनको ओर ज्यादा मजा आया. वो कहने लगे की दुसरे लंड से चुदायी चूत को चोदने में ओर ज्यादा मजा आया. उनके दोस्त ने वचन दीया की वो ऐसी लडकी से शादी करेगा जो वीन्य से चुदवाने तैयार हो. ऐसी मील भी गयी और उन की शादी भी हो गयी. वचन के मुताबीक दोस्त की पत्नी ने वीन्य से चुदावाया. उस वक्त मैं और दोस्त भी मोजूद थे, हमने भी मस्त चुदाई कर ली. बाद में दुसरे दो कोउप्लेस शामील हुए. मैं : एक बात पूछूं ?. दीदी : क्या ?. मैं : जिसे ये लोग orgasm कहते हैं वो क्या होता है ?, दीदी : orgasm तो महसूस कीया जता है. दुनीया का सब से उत्तम आनंद orgasm में है. कई लोग उसे ब्रहमानंद का भाई कहते हैं तो कई लोग उसे छोटी मौत कहते हैं. orgasm दौरान व्यकती अपने आप को भूल जाती है और बस आनंद ही आनंद का अनुहाव होता है. मैं : हर एक चुदाई के वक्त orgasm होता है ?, दीदी : आदमी को होता है. उस वक्त लंड से वीर्य की पिचाकरियाँ छूटती है. लडकी को ना भी हो, एक बार हो, या एक से ज्यादा भी हो. चोदने वाला सही तेचनीक जनता हो तो लडकी को एक बार की चुदाई में दो या तीन orgasm दे सकता है. मैं : जीजू कैसे हैं ?, दीदी : बहुत अच्छे, मैं : आप लोग रोज.रोज ?, दीदी : हाँ, रोज जीजू मुझे चोदते हैं, कम से कम एक orgasm होने तक. कभी कभी दो orgasm भी करवाते हैं. तूने अब तक चुदावाया नहीं है क्या ?, मैं : सिर्फ तीन बार, बहुत दर्द हुआ था पहली बार. थोड़ी सी गुदगुदी हुई थी वहां, इनसे ज्यादा कुछ नहीं. दीदी : वहां चूत में ? मैं ; हाँ, जब - जब, वो छोटे दाने से touch होता है ना ? दीदी : वो छोटे दाने को क्लितोरिस कहते हैं. आदमी के लंड बराबर का अंग है वो, अच्छी तरह क्लितोरिस को उत्तेजित कराने से orgasm होता है, छोड़ ये बातें. साफ - साफ बता, चुदावाना है अपने जीजू से ? दीदी की बात सुनते ही मैं शरमा गयी. जीजू का लंड याद आ गया. तुरंत मेरी चूत ने संकोचन कीया और clitoris ने सर उठाया. निप्प्लेस कड़ी होने लगी. मैं कुछ बोल ना सकी. दीदी मेरे पास आयी. मेरे स्तन थम कर बोली : तू ने padded ब्रा तो नहीं पहनी है ना ? कितने अच्छे है तेरे स्तन ? तेरे जीजू कहते हैं की ऐसे स्तन पाने के लीये तुने काफी चुदाई की होगी. मैं : दीदी, मैं तो मोंटी हूँ, कौन पसंद करेगा मुझे ? सब लोग पतली लडकीयां धुनधते हैं. दीदी : अरे, थोड़ी सी मोंटी हो तो क्या हुआ ? खुबसुरत जो हो, कोई ना कोई मील जाएगा. चुदवाने की इच्छा हो तो बोल, मैं वीन्य से बात करुँगी. मैंने धीर आवाज से हां कह दी. उस शाम खाना खाते समय मैं जीजू से नजर नैन मीला सकी. वो तो बेशरम थे. बोले : क्या ख़याल है साली जी ? पसंद आया मेरा लंड ? दीदी : वीन्य, छोदिये बेचारी को. बहुत शराती है. अब तक उस ने तीन बार ही लंड लीया है. जीजू : अच्छा, तब तो कंवारी जैसी ही है, ऐसा ना ? दीदी : हाँ, ऐसा ही, और उसने orgasm महसूस नहीं कीया है. वो ऐसे लडके को धुंध रही है जो उसे अच्छी तरह से चोदे और orgasm करवाये. जीजू : अरे वह, अपने जीजू को छोड़ दुसरे से चुदवाने चली हो ? मैं : ऐसा नहीं है. मुझे ड़र था की अप्प ना बोले तो ? जीजू : ना बोलूं ? तेरे जैसी खुबसुरत साली को चोदने से कौन मूर्ख ना बोलेगा ? हो जाय अभी ? बोले बीन मैंने सर ज़ुका दीया. होंठों की मुस्कान मैं रोक ना सकी और जीजू से छीपा ना सस्की. जीजू उठ कर मेरी कुर्सी के पीछे आये, मेरे कन्धों पर हाथ रख कर आगे ज़ुके और मेरे गाल पर कीस कराने लगे. मुझे गुदगुदी होने लगी, मैं छात्पता गयी. दीदी बोली : तुम दोनो बेडरूम में चले जाओ, मैं बाद में आती हूँ. जीजू मेरा हाथ पकड़ कर बेडरूम में पलंग पर ले गए. मुझे बहुत शर्म आ रही थी लेकीन जीजू का लंड याद आते ही उनसे चुदवाने की इच्छा जोर कर देती थी. जीजू ने मुझे night ड्रेस पहनने दीया और खुद ने भी पहन लीया. जीजू अपने पाँव लंबे कर के पलंग पर बैठे और मुझे अपनी गोद में बिठाया, मेरे पाँव भी लंबे रख दिए. मेरी पीठ उन के सीने से लगी हुई थी. उनके हाथ मेरी क़मर से लिपट कर पत् तक पहुंच गए. मेरा चाहेरा घुमा कर मेरे मुँह पर कीस की. फ्रेंच कीस का मुझे कोई अनुभव ना था, क्या करना वो मुझे पता ना था. मैं होठ बंद किए बैठी रही. उन्होंने जीभ से मेरे होठ चाटे और जीभ मुह में डालने का प्रयास कीया. मैंने मुँह खोला नहीं. मेरा नीचे वाला होठ अपने होंठों बीच ले कर चूसा. मेरे बदन में ज़ुर्ज़ुरी फेल गयी और मेरी दोनो निप्प्लेस और clitoris खादी होने लगी. पेट पर से उन का हाथ मेरे स्तन पर आ गया. मैंने मेरे हाथ की चौकादी बाना कर स्तन धक् रक्खे थे. मेरा हाथ हटा कर स्तन थम लीये. ऊपर से सहलाने लगे और बोले : आना, तेरे स्तन तो बहुत बडे हैं, और कठीन भी हैं. मैं कुछ बोली नहीं, उन के हाथ पर हाथ रख दीया लेकीन हटाया नहीं. कुछ देर तक स्तन सहलाने के बाद nighty के हूक खोल दीये. मुझे शर्म आती थी इसी लीये मैंने निघ्त्य के पहलुओं को पकड़ रक्खे, हटाने नहीं दीये. वो फीर से मेरे मुँह पर कीस कराने लगे तो मैं भूल गयी और nighty पूरी खोल दी. जैसे उन्होंने नंगा स्तन हथेली में लीया वो चीख पडे और बोले : ये क्या चुभ गया मेरी हथेली में ? देखूं तो. उन का इशारा था मेरी नुकीली निप्प्लेस से. उंगलियों ने निप्प्लेस पकड़ ली, मसली और वो बोले : ये ही चुभ रही थी. अब बात ये है की मेरी निप्प्लेस बहुत sensitive है. उन की उन्गलियाँ छुते ही वो कड़ी हो गयी और बिजली का करंट वहीँ से निकल कर clitoris तक दौड़ गया. मेरी चूत ने रस बहाना शुरू कर दीया. उन का एक हाथ अब फीर से पेट पर उतर आया और पेट पर से जांघ पर चला गया. मेरी दाहिनी जांघ ऊपर उठायी. जांघ के पिछले हिस्से पर हाथ फिसलने लगा. घुटन से ले कर ऊपर चूत तक जांघ सहलायी लेकीन vulva को छुआ नहीं. मुँह पर कीस करते हुए दुसरे हाथ से पाजामा की नदी खोल दी. मैं इतनी excite हो गयी थी की मैंने पाजामा उतरने में कोई विरोध कीया नहीं, बलकी कुल्हे उठा कर सहकर दीया. अब उनका हाथ मेरी नंगी जांघ का पिछला हिस्सा सहलाने लगा. दुसरा हाथ चूत पर लग गया. उस की उंगलियों ने clitoris धुंध ली. दुसरे हाथ ने चूत का मुँह खोज लीया. एक साथ clitoris टटोली और चूत में दो उन्गलियाँ भी डाली. उन की excitement भी कुछ कम नहीं थी. उन का तातार लंड कब का नेरए कुल्हे से सैट गया था. लंड जो कम रस बहा रह था इस से मेरे नितम्ब गीले हो चुके थे. एक ओर मेरी चूत ने फटके मरने शुरू किए तो दुसरी ओर लंड ठुमका लेने लगा. कीस छोड़ दी, मुझे थोडा अलग कीया और अपना पाजामा उतर दीया. उन्होंने कॉन्डोम पहन लीया. एक हाथ से लंड सीधा पकड़ रख के मेरे कुल्हे ऐसे रख दीये की लंड का मत्था मेरी चूत में घुस गया. मैंने हौले से चूतड नीचे किए. आसानी से जीजू का पुरा लंड मेरी चूत में घुस गया. मैं पीछे की ओर ढल कर सीने पर लेट गयी. अपने कुल्हे हील कर धीरे धक्के से वो मुझे चोदने लगे. साथ - साथ उनकी उंगली clitoris सहलाती रही. इस पोसिशन में लेकीन थोडा सा ही लंड चूत में आया जाया कर सकता था. इसी लीये उन्होंने मुझे धकेल कर आगे ज़ुका दीया और चारों पैर कर दीया. वो पीछे से ऊपर चढ़ गए. अब क़मर हिलाने की जगह मील गयी. लंबे धक्के से वो चोदने लगे. पुरा लंड बहार खींच कर वो एक ज़ताके से चूत में घुसेड ने लगे. मेरी योनि की दीवारें लंड से चिपक गयी थी. थोड़ी ही देर में धक्के की रफ्तार बढ़ाने लगी. आगे ज़ुक कर उन्होंने मेरे स्तन थम लीये और चोदते चले. मुझे बहुत मजा आ रह था. मैंने सीर पलंग पर रख दीया था. इतने में जीजू जोर से मुज़ से लिपट गए, लंड चूत की गहरे में घुसेड दीया और पांच सात पिचाकरियाँ मार कर झड गए. उनके लंड ने ठुमक- ठुमक ठुनके लग्गाये और मेरी चूत में कुछ फटके हुए. बहुत मजा आया. लंड निकल कर वो उतर गए. इतने में दीदी आ गयी. पूछा : आया ना मजा ? मैंने सर ज़ुका दीया. जीजू बोले : छोटा orgasm हुआ आना को. तुम कुछ करना चाहती हो ? दीदी : ना, अभी नहीं. मेरी राय है, की उसे लंड से ही पक्का orgasm करवाना चाहिऐ. जीजू : तो कल हम Jigar के घर जा रहे हैं, आना को भी ले जायेंगे. ग्रुप में अच्छा रहेगा. क्या कहती हो आना ? आयेगी ना ? दीदी : वहां दुसरे दोस्त भी आएंगे और ग्रुप चुदाई करेंगे. मजा आएगा. आना है ना ? मैं : मैंने कभी ऐसा कीया नहीं है. जीजू : कोई हर्ज नहीं. मन चाहे साथ चुदाई कर सकोगी, कोई रोकेगा नहीं, कोई जबरदस्ती नहीं. तेरी मरजी के खिलाफ तुजे कोई कुछ करेगा भी नहीं. मैं मन गयी, दुसरे दीन हम तीनो समय सर जीजू के दोस्त Jigar के बुन्ग्लोव पर जा पहुंचे. एक दूजे से मील कर सब बहुत खुश हुए. दीदी ने परिचय करवाया : ये है आना, मेरी मौसी की लडकी. Jigar : वाह, आइये - आइये आना, कैसी हो ? आपके जैसा हमारा भी एक नया मेहमान आया है. ये है अजय, मेरे चचेरे भाई. मुज़ से एक साल छोटे हैं. उधना में उन की plastic mouldings की फैक्ट्री है. शादी नहीं की है लेकीन कंवारे भी नहीं है. क्यों माला ? माला Jigar की पत्नी थी. बहुत खुबसुरत थी. हस्ती हुई वो बोली : सही. अजय : ये सब Bhabhi की कृपा है. अजय को देख मेरे बदन में ज़ुर्ज़ुरी फेल गयी. कीताना handsome आदमी था वो ? पहली नजर से ही मेरे दील में बस गया. मैं मन ही मन प्रार्थना कराने लगी की हे भगवान वो ही मुझे चोदे ऐसा करना. अजय मुस्कुलर आदमी थे. पांच फ़ीट सात इंच लम्बाई के साथ वजन होगा कुछ १७० ल्ब्स. रंग थोडा सा श्याम, भारव्दर चाहेरा और चौड़ा सीना, सपाट पेट और पतली क़मर. खम्भे जैसे हाथ पैर. Jigar ने बताया की अठारह साल की उमर में उसने अपनी एक नयी नवेली चची को चोदा था. उसके बाद तीन लड़कियों को चोद चुके थे लेकीन शादी के लीये कहीँ दील लगता नहीं था. उन्हें पतली लडकीयां पसंद नहीं थी, जरा सी भरी हुई, बडे बडे स्तन वाली, चौड़े और भरी नितम्ब वाली लडकी वो धुनधते थे. जब से हम आये तब से वो मुझे बेशरमी से घुर घुर कर देख रहे थे, मुझे भौत शरम आ रही थी. शाम का भोजन के बाद हम सब खास कमरे में गए. Jigar के बारे में दीदी ने मुझे बताया की वो काफी पैसेदार आदमी थे. सूरत शहर से बहार बडे प्लोत पर उसका बुन्गालोव था. उसने ग्रुप चुदाई के वास्ते एक अलग कमरा सजा रखा था. कमरे में सो बडे पलंग, बड़ी सेतीयां, सोफा, बाथरूम इत्यादी थे. दीवारों पर बडे - बडे अयिने लगे हुए थे जीसमें आप अपने आप को और दुसरे को चोदते देख सकते थे. ये सब देख कर मुझे गुदगुदी होने लगी थी. Jigar ने चम्पगने की बोत्त्ले खोल दी. शराब ने अपना कम कीया. सब का संकोच दूर होने लगा. कपडे उतर कर सबने night ड्रेस पहन लीये. Jigar बोले : वाह, आज तो नए मेहमान आये हैं. मजा आ जाएगा. अजय, आना, हम चारों एक दूजे के साथ की चुदाई के हामी हैं. एक मर्द के साथ दो औरत और एक औरत के साथ दो आदमी ऐसे भी चोदते हैं, कोई बन्धन नहीं रखते. तुम भी मन पसंद आदमी या औरात से चुदाई कर सकोगे. बदले में आशा है की दुसरा कोई तुमरे साथ चुदाई करे तो तुम कराने डोंगे, काबुल? अजय ने सर हील कर हां कही. मैं शरम से कुछ बोल ना सकी. दीदी ने कहा : आना ने अब तक दो orgasm ही पाये हैं. Jigar : कोई हर्ज नहीं, आज ज्यादा हो जायेंगे. एक लंड से नहीं होगा तो दुसरा करवायेगा. मैं चिट्ठी दल कर तय करता हूँ की कौन कीस के साथ पहले जुडता है. पहली चुदाई के बाद हम पर्त्नेर्स बदलेंगे. मंजूर? सब ने हां कही. Jigar ने चित्त्थी डाली. Jigar के साथ नीलू दीदी का नाम आया, जीजू के साथ माला का और अजय के साथ मेरा. मेरे दील की धड़कन बढ गयी. मेरी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दीया. फ़िर मेरे पास और कोई चारा नहीं था सिवाय उसकी बात मानने के, मैंने चुप चाप सर हिला कर हाँ कह दी. उसने कहा- वाह मेरी बहना ! आज तो मजा आ जाएगा, आज तक बस ब्रा और पैंटी ही मिली थी. आज तो पूरी की पूरी रूबी मेरे सामने खड़ी है. फ़िर उसने मुझे उसका पायजामा नीचे करने को कहा, मैंने वैसा ही किया. वो अंडरवियर नहीं पहना था. मैं उसके लंड से पहले ही रुक गई, इसपर वो चिल्ला कर बोला, साली रुक क्यूँ गई, तेरे बॉस का लंड बहुत पसंद है तुझे, मेरा लंड नहीं लेगी क्या. चल उतर जल्दी से पायजामा मेरा, फ़िर मैंने उसका पूरा पायजामा उतार दिया अब वो पूरा नंगा लेटा था मुझे उसे देखने में शर्म आ रही थी. पर उसका तना हुआ लंड देख कर मैं भी थोडी गरम हो गई थी. वैसे तो उसका लण्ड मेरे बॉस के लण्ड से कम लंबा और मोटा था. उसने मुझसे कहा जल्दी से चूसना शुरू करो ना, फ़िर मैंने उसका लण्ड अपने हाथों में लिया उसकी जांघों के बीच में बैठ गई और फ़िर उसका लण्ड अपने होठों पे रगड़ने लगी, अब मैंने भी सोच लिया था कि शरमाने से कोई फायदा नहीं है. आज मेरा भाई मुझे बिना चोदे मानने वाला नहीं है तो क्यूँ नहीं खुल के चुदवाऊँ इससे ताकि चुदने का भी मजा आए, मैं उसका लण्ड होठों पे रगड़ रही थी. फ़िर लोलीपोप की तरह मैं पहले बस उसका सुपाड़ा चूस रही थी. उसके सुपाड़े से पतली पतली रस निकल रही थी, मैं उसे लिपस्टिक की तरह होठों पे लगा रही थी। इतने में उसने भी अपने हाथों से मेरी गांड सहलाना शुरू किया, वो अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों गोलाईयां सहला रहा था, मुझे इतना मजा नहीं आ रहा था क्यूँकि वो नाईटी के ऊपर से मेरी गांड को सहला रहा था. मैंने फ़िर उसके बिना कुछ कहे अपनी नाईटी उतार दी और अब मैं बिल्कुल नंगी थी उसके सामने, इतने में उसने कहा- साली तूने तो न ब्रा ना पैंटी पहन रखी है, पूरी तैयारी में थी मुझसे चुदवाने की क्या. फ़िर मैंने कहा, तुझसे नहीं मेरे बॉस आ रहे है ना ! तो, फ़िर बिना कुछ कहे मैं उसका लण्ड चूसने लगी. वो मेरे सिर को पकड़ कर जोर - जोर से लण्ड में धक्का देने लगा. एक तरह से वो मेरा मुंह चोदने लगा, मैं बहुत गरम हो चुकी थी. मेरा मुंह पूरी तरह से चिपचिपा हो गया था उसके पतले रस से, फ़िर थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे लिटा लिया और मेरे स्तनों से खेलने लगा। वो उन्हें जोर - जोर से दबाने लगा। मुझे दर्द हो रहा था मगर मज़ा भी बहुत आ रहा था। यह सोच कर ज्यादा मज़ा आने लगा कि मेरा सगा भाई मुझे चोदने वाला है. वाऽऽऽ ! अब भाई मेरे दोनों स्तनों को बारी बारी चूसने लगा। वो मेरे चूचकों को जोर से काटने लगा. दर्द से मैं कराहने लगी, बीच - बीच में मैं चिल्ला भी पड़ती थी. मगर उसे कुछ फ़र्क नहीं पड़ रहा था। उसने तो आज अपनी बहन की चूत फ़ाड़ने का सोच ही लिया था. वो मेरे निप्पल चबाने लगा, मैं मदहोश हो चुकी थी पूरी तरह, मेरे मुंह से गंदे शब्द जो कि मैं मदहोश होने के बाद बोलती हूं अपने बॉस के साथ, निकलने लगे भाई के भी सामने ! मैंने कहना शुरू किया, आह अब चोदो ना राहुल, चोद दो मुझे अपनी बहन की प्यास बुझाओ, चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत. फ़िर वो धीरे - धीरे नीचे गया और मेरी चूत चाटने लगा उसकी ये अदा मुझे बहुत पसंद आई क्यूँकि मेरे बॉस ने अपना लण्ड मुझसे बहुत बार चुसवाया था मगर मेरी चूत चाटने से मना करते थे. वो बिल्कुल कुत्ते कि तरह पूरी जीभ बाहर निकाल कर मेरी चूत चाटने लगा. वो जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा प्लीज़ राहुल मुझे अब लण्ड चाहिए तुम्हारा. अपना लण्ड डालो मेरी बुर में. उसने कहा बुर तो तेरी मैं जरुर चोदूंगा पहले बाकि सब का भी तो मजा ले लूँ. फ़िर उसने मुझे पलट दिया और पेट के बल लिटा दिया. अब उसके सामने मेरी गांड थी. वो मेरी दोनों चूतडों को मसल रहा था और मैं इतनी उत्तेजित थी, कि अपनी ऊँगली अपनी चूत में डाले जा रही थी. फ़िर उसने मेरे चूतडों को चाटना शुरू किया. कसम से मैंने बहुत बार चुदवाया बहुत बार ! हाय ! मगर इतना मजा मुझे पहली बार आ रहा था वो भी मेरे भाई से, मैं आह आह आ औच की आवाजें निकाले जा रही थी. वो पूरा मस्त होकर मेरी गांड चाटता जा रहा था. फ़िर उसने मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाली. मैं चिहुंक उठी, मैंने कहा क्या कर रहे हो राहुल, गांड मरोगे क्या मेरी ? ! ? ! उसने कहा – रूबी ! आज तो तेरे शरीर के हर छेद में अपना लण्ड डालूँगा मैं, तुझे चोद चोद के निढाल कर दूंगा. मैं खुशी से पागल हो रही थी. फ़िर थोडी देर बाद उसने मुझे उठाया और अपनी जाँघों पर बैठा दिया वो लेता हुआ था. मैं उसकी जाँघों पर बैठी थी वो मेरे बूब्स दबा रहा था. फ़िर उसने कहा – अब मेरा लण्ड पकड़ कर ख़ुद अपनी बुर में डालो. मैंने वैसा ही किया. मेरी बुर से बहुत पानी निकल चुका था इस वजह से मेरी बुर पूरी गीली थी और उसका लण्ड भी. मैंने उसका सुपाड़ा अपनी बुर पे रखा और फ़िर धीरे - धीरे उसपे बैठ गई. जिससे की उसका पूरा लण्ड मेरी बुर में घुस गया. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था. फ़िर मैं ख़ुद ऊपर नीचे करने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था की राहुल मुझे नहीं मैं राहुल को चोद रही हूँ. मैंने हिलना तेज किया. वो भी नीचे से अपनी गांड उछाल - उछाल कर मुझे चोद रहा था. थोडी देर तक इस पोसिशन में चोदने के बाद उसने कहा – अब तुम नीचे आओ, मैं बेड पे लेट गई. वो मेरे ऊपर आ गया और मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पे रख दिया इससे मेरी बुर उसे साफ साफ दिखाई दे रही थी. फ़िर उसने मेरी बुर पे अपना लण्ड लगाया और एक ही झटके में जोर से पूरा अंदर डाल दिया. मैं लगातार सीत्कार कर रही थी आह ..ऊंह ह्ह्ह ह...ओह ह हह कम ऑन राहुल....फक मी....चोदो....आह ह हह ह्ह्ह...और जोर से चोदो...अ आ आया अह हह हह... उसकी स्पीड बढती जा रही थी अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मेरी बुर से सर - सर करता हुआ सारा पानी बाहर आ गया. राहुल रुकने का नाम नहीं ले रहा था. मेरी बुर के पानी की वजह से उसके हर धक्के से कमरे में फत्च फच की आवाज़ आने लगी. वो मेरी बुर पेलता ही जा रहा था. मैं भी उसका साथ दे रही थी. मैं उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर धक्के लगा रही थी अपनी तरफ़. फ़िर मैंने उसे कहा – राहुल अपना रस अंदर मत गिराना, नहीं तो तुम मामा और पापा दोनों बन जाओगे इस पे वो हँस पड़ा और अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब वो गिरने वाला था. वो मेरी बुर, जो कि चुदा - चुदा कर पूरी भोंसड़ा बन गई थी, उससे लंड बाहर निकाला और मुझसे कहा कि अपने दोनों बूब्स को साइड से दबा कर रखने को। फ़िर मेरे दोनों बूब्स के बीच उसने अपना लंड डाल कर मेरी पेलाई शुरू कर दी थोडी देर ऐसे ही वो मुझे पेलता रहा उसके बाद उसके लंड से फच फचा कर सारा रस निकल गया जो कि मेरे पूरे मुंह में और चूचियों पे गिरा. मैं अपनी जीभ से और होठों से उसका रस चाट रही थी. फ़िर उसने अपना लंड ही मेरे मुंह में दे दिया मैंने उसका लंड थोड़ी देर चूसा. मुझे ऐसा लगने लगा कि वो फ़िर से उत्तेजित हो रहा है. क्यूंकि वो मुंह के ही अंदर धक्के लगाने लगा. इतने में दरवाजे की घंटी बजी, टिंग टोंग ! वो उठ गया मैं भी उठ गई वो बोला मैं देख कर आता हूँ. उसने बिना दरवाजा खोले आई-होल से देखा तो मेरे बॉस बाहर खड़े थे. वो समझ गया की ये भी यहाँ रूबी को पेलने आए हैं. फ़िर उसने आकर मुझ से कहा- तेरे बॉस हैं. फ़िर आगे कैसे मेरे बॉस ने मुझे चोदा और राहुल ने कैसे उनका साथ दिया. कैसे मेरा अगली तरक्की हुई अगले महीने में और राहुल ने कैसे मेरी बुर का सौदा कर के तरक्की ली पढ़िये अगले हिस्से में.

1 टिप्पणी: